मेरी कलम....
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Friday, September 13, 2013
ज़िंदगी...
"न जाने कितने तूफानों से होकर गुज़री है कश्ती मेरी,
की,
जब तूफाँ थमा तो लगता है जैसे ज़िंदगी ही थम गयी... "
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